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Thursday, 8 September 2016

कागज़ की कश्ती से पार जाने की ना सोच, चलते हुए तुफानो को हाथ में लाने की ना सोच, दुनिया बड़ी बेदर्द है, इस से खिलवाड़ ना कर, जहाँ तक मुनासिब हो, दिल बचाने की सोच।

कागज़ की कश्ती से पार जाने की ना सोच,

चलते हुए तुफानो को हाथ में लाने की ना सोच,


दुनिया बड़ी बेदर्द है, इस से खिलवाड़ ना कर,


जहाँ तक मुनासिब हो, दिल बचाने की सोच।

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